यस बैंक के डूबने की ख़बर जब फैली और यह भी कि रिज़र्व बैंक ने हस्तक्षेप किया और अधिकतम रकम निकालने की एक सीमा तय कर दी है तो यह सवाल भी उठा कि ऐसा क्यों हुआ। रिज़र्व बैंक ने अपनी जाँच में पाया है कि 2018-19 के दौरान यस बैंक ने 3,299 करोड़ रुपए के जो क़र्ज़ दे रखे थे, वे एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग असेट बन गए।