यस बैंक के डूबने की ख़बर जब फैली और यह भी कि रिज़र्व बैंक ने हस्तक्षेप किया और अधिकतम रकम निकालने की एक सीमा तय कर दी है तो यह सवाल भी उठा कि ऐसा क्यों हुआ। रिज़र्व बैंक ने अपनी जाँच में पाया है कि 2018-19 के दौरान यस बैंक ने 3,299 करोड़ रुपए के जो क़र्ज़ दे रखे थे, वे एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग असेट बन गए।
बैंकों का कितना पैसा है डूबने के कगार पर, वसूली के लिए क्या कर रही है सरकार?
- अर्थतंत्र
- |
- |
- 7 Mar, 2020

यह सवाल उठना लाज़िमी था कि आख़िर पूरे बैंकिंग क्षेत्र में कितनी रकम इस तरह फंसी हुई है और उसे निकालने की क्या कोशिश सरकार कर रही है?