सवाल है कि नेगेटिव ग्रोथ क्या होती है और उसका असर क्या है, ख़ासकर भारत के संदर्भ में? लेकिन उसपर चलें उससे पहले यह जानना ज़रूरी है कि जीडीपी ग्रोथ क्या होती है। यही बहुत बड़ा सवाल है। बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि इसके बढ़ने को लेकर इतना हल्ला क्यों मचा रहता है। और यह तब की बात थी जब कम से कम इतना तो तय था कि जीडीपी बढ़ती रहती है।1990 के पहले तीन साढ़े तीन प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ती थी। इसे हिंदू रेट ऑफ़ ग्रोथ कहा जाता था। प्रोफ़ेसर राज कृष्णा ने यह नामकरण कर दिया था और तब किसी ने गंभीर सवाल भी नहीं उठाया। हालाँकि अभी हाल में इतिहास और अर्थशास्त्र पर समान अधिकार रखनेवाले कुछ पुनरुत्थानवादी विद्वानों ने इस अवधारणा पर सवाल उठा दिए हैं।