सरकार की कमाई में जबरदस्त उछाल आया है और अब वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि 2025 तक भारत को फाइव ट्रिलियन डॉलर यानी पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का काम पटरी पर है। लेकिन क्या इसके साथ यह उम्मीद भी की जा सकती है कि कमाई बढ़ने के बाद सरकार महंगाई से परेशान मध्यवर्ग को राहत देने के लिए कुछ करेगी?

केंद्र सरकार दावा कर रही है कि कोरोना की वजह से एक छोटे व्यवधान के अलावा पिछले कुछ सालों में जीडीपी की ग्रोथ लगातार दस परसेंट से ऊपर रही है। लेकिन फिर इस सवाल का साफ जवाब क्यों नहीं मिलता कि तरक्की इतनी तेज़ है तो आम आदमी की जिंदगी पर उसका असर क्यों नहीं दिख रहा है?
इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, कस्टम ड्यूटी और जीएसटी सभी की वसूली में खासी बढ़ोतरी के बाद यह सवाल उठना तो स्वाभाविक है।
लेकिन वित्त मंत्रालय के अफसरों की भावभंगिमा और उनके बयानों में छुपे संकेतों से इसका जो जवाब मिलता है वो खास उम्मीद बंधानेवाला नहीं लगता।