2014 के मुक़ाबले 2021 में आज भारत कहाँ खड़ा है, आम भारतीय किस स्थिति में हैं- इसका आकलन ही मोदी सरकार के 7 साल के कामकाज का मूल्यांकन हो सकता है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले बीजेपी के शासनकाल में जहाँ जीडीपी की विकास दर घटती चली गयी, वहीं देशवासियों पर कर्ज बढ़ता चला गया। रोज़गार देने के मामले में भी यह फिसड्डी साबित हुई। बात रोज़गार छिन जाने तक जा पहुँची। स्थिति यह है कि बीते 7 साल में बेरोज़गारी दर दोगुनी हो चुकी है।
मोदी सरकार के 7 साल: देश पर कर्ज दोगुना, बेरोज़गारी दोगुनी
- अर्थतंत्र
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- 26 May, 2021
2014 के मुक़ाबले 2021 में आज भारत कहाँ खड़ा है, आम भारतीय किस स्थिति में हैं? मोदी सरकार के 7 साल के शासनकाल में जहाँ जीडीपी की विकास दर घटती चली गयी, वहीं देशवासियों पर कर्ज बढ़ता चला गया।

नोटबंदी के बाद उल्टा घूमने लगा पहिया
नरेंद्र मोदी के शासनकाल के शुरुआती दो साल में आर्थिक विकास दर सकारात्मक रही, लेकिन बाद के वर्षों में यह लगातार गिरती चली गयी। 2014 में आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत थी जो 2016 में बढ़कर 8.25 प्रतिशत हो गयी। लेकिन, नोटबंदी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था का चक्का उल्टा घूमने लगा। आर्थिक विकास दर में लगातार गिरावट जारी है और यह 2018 में 7.04%, 2019 में 6.11% और 2020 में 4.18% के स्तर पर लुढ़क चुकी है।