बहुत बड़े-बड़े वादे करके आये देश के प्राइवेट बैंक रोजाना अपना नियम बदल रहे हैं। आज 1 जनवरी से वो नियम भी लागू हो गया कि अगर आप किसी भी प्राइवेट बैंक से निकासी की तय संख्या से ज्यादा निकालेंगे तो फीस लगेगी। यानी प्राइवेट बैंक में रखा पैसा आपका है लेकिन गैर जरूरी नियम-कानून प्राइवेट बैंक तय कर रहा है। मोदी सरकार का वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक खुशी-खुशी उन्हें अनुमति भी दे रहा है। महानगरों और छोटे शहरों में भेदभाव
बैंकों ने अभी तक एटीएम से पैसे निकासी का नियम यह बना रखा था कि अगर आप दिल्ली-मुम्बई जैसे महानगरों में महीने पर 6 बार पैसा निकालते हैं तो आपको कोई अतिरिक्त फीस नहीं देनी पड़ेगी। लेकिन सातवीं बार निकालने पर 20 रुपये लगते थे। अब इसी को बढ़ाकर 21 रुपये हर निकासी पर कर दिए गए हैं।
क्या जरूरी है बैंक एटीएम से निकासी पर शुल्क बढ़ाना, ग्राहक अधिकारों के प्रति सजग नहीं
- अर्थतंत्र
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- 29 Mar, 2025
इसी तरह गैर मैट्रो शहरों में यानी गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा आदि में निकासी की संख्या 5 है। अगर आप पांच बार के बाद निकालेंगे तो आपको अब हर निकासी पर 21 रुपये देने होंगे।
तकनीकी रूप से पहले के मुकाबले तय सीमा के बाद हर निकासी पर एक रुपये ही बढ़ाए गए हैं लेकिन छोटे शहरों में लोग अपनी जरूरत के हिसाब से एटीएम से पैसे कई बार निकालते हैं।
आरबीआई ने जून 2021 में एक नोटिफिकेशन के जरिए प्राइवेट बैंकों को एक रुपये प्रति निकासी बढ़ाने की मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2022 से लागू करने को कहा था। ताज्जुब है कि छह महीना बीतने के दौरान किसी भी ग्राहक संगठन या सिविल सोसायटी के लोगों ने 1 जनवरी से लागू होने जा रहे इस नियम पर ऐतराज नहीं किया।
