वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को सफ़ाई दी है कि प्रति वित्त वर्ष 7 लाख रुपये तक के अंतरराष्ट्रीय डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने वाले भुगतानों पर टीसीएस नहीं लगेगा। इसने कहा है कि इतना तक का भुगतान एलआरएस यानी लिबरलाज्ड रेमिटेंस स्कीम की सीमा से बाहर रखा जाएगा। सरकार की यह सफ़ाई तब आई है जब इस मामले में उसकी काफ़ी आलोचना हो रही थी। सरकार समर्थक माने जाने वाले कई लोगों ने ही सोशल मीडिया पर इस फ़ैसले की आलोचना की थी।
7 लाख तक के अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड भुगतान पर टीसीएस नहीं: सरकार
- अर्थतंत्र
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- 19 May, 2023
क्या अब विदेश यात्रा महंगी होने वाली है? आख़िर इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड पर 20% टैक्स लगाने को लेकर इतना संशय क्यों? जानिए, अब वित्त मंत्रालय ने क्यों सफ़ाई दी।

यह केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत नियमों में संशोधन के बाद आया है। सरकार ने पहले जो अधिसूचना जारी की थी उसमें कहा गया था कि आरबीआई की सलाह से सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनदेन) नियमों में संशोधन करने के लिए क्रेडिट कार्ड लेनदेन को एलआरएस की सीमा में ला दिया है। एलआरएस में इसको लाने का सीधा मतलब था कि 250000 डॉलर या इससे ज़्यादा ख़र्च वाली खरीद के लिए आरबीआई के पूर्व अनुमोदन की ज़रूरत होती। इतना खर्च पर 20 फ़ीसदी टीसीएस यानी टैक्स कलेक्टेड एज सोर्स के रूप में लगाने का प्रावधान था।