अर्थव्यवस्था में मंदी के बीच अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ भी भारत की अनुमानित जीडीपी विकास दर घटाने वाला है। आईएमएफ़ में भारतीय मूल की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि संस्था अगले महीने यह अनुमानित आँकड़ा जारी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अकेला ऐसा इमर्जिंग मार्केट है जो इस तरह का चौंकाने वाला ट्रेंड दिखा रहा है। बता दें कि आईएमएफ़ ने भारत के लिए अक्टूबर महीने में अनुमान लगाया था कि 2019 में विकास दर 6.1 फ़ीसदी और 2020 में 7 फ़ीसदी रह सकती है।
मोदी सरकार को फिर झटका, IMF भारत का जीडीपी अनुमान घटाएगा
- अर्थतंत्र
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- 18 Dec, 2019
अर्थव्यवस्था में मंदी के बीच अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ भी भारत का अनुमानित जीडीपी विकास दर घटाने वाला है।

आरबीआई सहित दूसरी संस्थाओं ने वित्त वर्ष 2020 के लिए विकास दर में गिरावट के अनुमान लगाए हैं। कुछ दिन पहले ही भारतीय रिज़र्व बैंक यानी आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.1 फ़ीसदी से घटा कर 5 फ़ीसदी कर दिया है। इससे पहले दूसरी तिमाही की रिपोर्ट आई थी और इसमें यह 4.5 फ़ीसदी ही रही है। बता दें कि सरकारी एजेन्सी सेंट्रल स्टैटिस्टिकल ऑफ़िस यानी सीएसओ ने बीते दिनों इस साल की दूसरी छमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत कर दी थी। सरकारी कंपनी स्टेट बैंक ने अपनी ताज़ा रपट में कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि दर घट कर 4.2 प्रतिशत पर आ सकती है।