पहले पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक, उसके बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फ़ाइनेंशियल सर्विसेज (आईएल एंड एफ़एस) और उसके बाद अब यस बैंक। छह महीने में तीन बैंक या वित्तीय कंपनियों का भट्ठा बैठ चुका है। यह उस बैंकिंग व्यवस्था में हुआ है, जहां नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोक्सी जैसे लोग पहले ही अरबों रुपये का चूना लगा कर रफूचक्कर हो चुके हैं।