देश में जहाँ आर्थिक मंदी की बात की जा रही है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के कमज़ोर होने का एक और सबूत सामने आ गया है। यह साफ़ हो गया है कि गाँवों में लोगों के पास पैसे कम हुये हैं, लिहाज़ा वे पहले से कम सामान खरीद रहे हैं। इसका असर उन कंपनियों पर भी पड़ रहा है जो ये सामान तैयार करती और बेचती हैं।