चँहुमुखी विकास के लम्बे-चौड़े दावे करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार के लिए चुनाव के ठीक पहले बुरी ख़बर है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फ़िच ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। यानी, इसका विकास दर पहले के अनुमान से कम होगा। यह अनुमान ऐसे समय लगाया गया है जब मोदी सरकार ने विकास दर बढ़ा हुआ दिखाने के लिए इसके आधार वर्ष यानी बेस ईयर को ही बदल दिया था। इसके अलावा मोदी सरकार पर कई तरह के ज़रूरी आँकड़ों से छेड़छाड़ करने के आरोप भी लगे हैं। ताज़ा उदाहरण बेरोज़गारी के डाटा को पहले छुपाने और उसके बाद उससे छेड़छाड़ का है। ऐसे में फ़िच का एलान सरकार के लिए शुभ तो नहीं ही है।
भारत की विकास दर गिर कर 6.8% हो जाएगी, रेटिंग एजेंसी फ़िच का अनुमान
- अर्थतंत्र
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- 22 Mar, 2019

अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेन्सी फ़िच ने कहा है कि भारत का सकल घरेलू अनुपात और गिरेगा और वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 6.8 प्रतिशत पर आ जाएगा।