देश की अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है। अगर जल्दी ही इलाज नही किया गया तो देश मंदी का शिकार हो जायेगा। ऐसे में सबकी नज़र इस ओर लगी थी कि कौन बनता है वित्त मंत्री। कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये किसी विशेषज्ञ अर्थशास्त्री को यह पद सौंपना चाहिये जैसे नरसिम्हाराव ने मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया था और देश ने आर्थिक तरक़्क़ी का नया अध्याय लिखा। मोदी ने ऐसा कुछ नहीं किया। अपेक्षाकृत जूनियर निर्मला सीतारमण को ये जिम्मा दिया गया। उनकी नियुक्ति ने कई लोगों को चौंकाया। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की पढ़ी हुई निर्मला इसके पहले वाणिज्य मंत्रालय का कामकाज संभाल चुकी हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री के रूप में रफ़ाल मुद्दे पर मजबूती के साथ सरकार का बचाव किया। वित्त जैसे अहम मंत्रालय की ज़िम्मेदारी देकर नरेंद्र मोदी ने उनमें अपना विश्वास जताया है, यह साफ़ है।