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बायजूस के ठिकानों पर ईडी के छापे क्यों? 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी फंडिंग कानूनों के कथित उल्लंघन करने के लिए बेंगलुरु स्थित एड-टेक फर्म बायजूस (BYJU's) के सीईओ बायजू रविंद्रन के परिसरों की तलाशी ली। ईडी ने रविंद्रन और उनकी कंपनी 'थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड' से जुड़े मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) कानून तोड़े जाने की शिकायत के बाद जांच शुरू कर दी है।
छापे के बाद ईडी ने कहा कि तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डेटा जब्त किए गए हैं। ईडी की कार्रवाई के बाद इस मसले पर बायजू ने भी अपना जवाब दिया और कहा कि ईडीकी यह कार्रवाई फेमा कानून के तहत 'नियमित जांच' से संबंधित है।  
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रविंद्रन ने कहा कि हमने ईडी के अधिकारियों को जांच में पूरा सहयोग दिया, उन्होंने जो भी जानकारी मांगी, हमने उन्हें प्रदान की। हम कंपनी के परिचालन में पूरी ईमानदारी बरती है, और आगे भी हम इसके संचालन में नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ईडी द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि बायजूस के परिसरों में ली गई तलाशी से यह भी पता चला है कि कंपनी को 2011 से 2023 की अवधि के दौरान लगभग 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। इसी समय अवधि में कंपनी न विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर विभिन्न विदेशी संस्थाओं को भी लगभग 9,754 करोड़ रुपये भेजे।
ईडी ने अपने बयान में यह भी कहा कि बायजू पर यह कार्रवाई कई निजी लोगों द्वारा प्राप्त 'विभिन्न शिकायतों' के आधार पर की गई है। ईडी ने यह भी कहा कहा कि कार्रवाई से पहले रविंद्रन बायजू को कई समन जारी किए गए, लेकिन वह टालमटोल करते रहे और ईडी के सामने भी पेश नहीं हुए। 
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ईडी ने अपने बयान में कहा कि कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बाद से अपने वित्तीय लेखा जोखा भी तैयार नहीं किया है, अपने खातों का ऑडिट नहीं कराया है, जो कि किसी भी कंपनी के लिए कराया जाना अनिवार्य है।  
इस दौरान कंपनी ने विज्ञापन और विपणन खर्च पर करीब 944 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है। जांच एजेंसी कंपनी द्वारा दिये गये आंकड़ों पर बैंकों से भी आंकड़े जुटा रही है।
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क़मर वहीद नक़वी
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