कोरोना के बाद जो आर्थिक बदहाली होगी, उस वजह से देश के तकरीबन 13.60 करोड़ लोगों का रोज़गार ख़तरे में पड़ जाएगा। ये असंगठित क्षेत्र के मज़दूर हैं जो अस्थायी तौर पर, ठेके पर छोटी-मोटी नौकरी करते हैं या दिहाड़ी मज़दूरी करते हैं।