नरेंद्र मोदी सरकार चाहे जो दावे करे, सच यह है कि अर्थव्यवस्था लगातार तेज़ी से गिर रही है, संकट गहराता जा रहा है और स्थिति पहले से बदतर होती जा रही है। इतना ही नहीं, तमाम इन्डिकेटर बता रहे हैं कि निकट भविष्य में भी हालात सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। हालत यह है कि यदि सरकार ने तुरन्त कोई कोशिश नहीं की तो अर्थव्यवस्था भयानक मंदी के दौर में फिसल जाएगी, जहाँ से निकलना बेहद मुश्किल होगा। 


लाइव मिंट ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि अप्रैल में अर्थव्यवस्था के 6 इन्डिकेटर बता रहे थे कि अर्थव्यवस्था पीछे जा रही है, उसके एक महीने बाद यानी मई में 8 इन्डिकेटरों ने संकेत दिया कि आर्थिक स्थिति बदतर हो रही है।