भारत सरकार ने शुक्रवार को एक दिशा निर्देश जारी कर कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के डाइरेक्ट रूट का इस्तेमाल उन देशों के लोग नहीं कर सकेंगे, जिनकी सीमाएँ भारत से मिलती हैं।
डाइरेक्ट रूट का इस्तेमाल कर किसी भारतीय कंपनी में कोई विदेशी कंपनी या व्यक्ति सीधे निवेश कर सकता था और उसके बाद वह भारत सरकार को इसकी जानकारी दे सकता था। लेकिन नए नियम में अब उसे निवेश के पहले भारत सरकार की स्वीकृति लेनी होगी।
भारत में पहले ही यह नियम है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश के लोग बग़ैर पूर्व अनुमति के भारत में निवेश नहीं कर सकते, नए नियम में इसमें चीन भी आ जाएगा।
कुल मिला कर मतलब यह है कि चीन का कोई नागरिक या कंपनी भारत सरकार की पूर्व अनुमति के बग़ैर भारत की किसी कंपनी में निवेश नहीं कर सकती।
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