मोदी सरकार में कोयला सचिव रहे अनिल स्वरूप ने पूर्व कम्प्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल विनोद राय पर आरोप लगाया है कि 2012 में सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन का जो ऑडिट किया था, उसमें उनसे गंभीर ग़लतियाँ हुई थीं। उनके मुताबिक़ सीएजी ने सरकार को हुए जिस नुक़सान का अनुमान लगाया था, वैसा नुक़सान नहीं हुआ था। आपको याद होगा सीएजी ने 2012 में दी गई अपनी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष दिया था कि 2004-2009 के बीच कोयला खदानों के आवंटन में नियमों की अवहेलना हुई और इस वजह से देश को 1.86 लाख करोड़ का नुक़सान हुआ। 2004 से ले कर 2014 के बीच देश में यूपीए की सरकार थी और इस घोटाले के कारण उसकी काफ़ी बदनामी हुई।