भयानक आर्थिक संकट के बीच पेश किए जा रहे बजट के पहले यह सवाल पूछा जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था में गिरावट को कितना रोक पाएगी या कम कर पाएगी। वे ऐसा क्या करेंगी या क्या कदम उठाएंगी कि अर्थव्यवस्था में इस गिरावट को कम किया जा सके और उसे एक बार फिर पटरी पर लाया जा सके। भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के बावजूद यह सवाल अहम इसलिए है कि कोरोना और लॉकडाउन के पहले भी स्थिति कोई अच्छी नहीं थी। मंदी शुरू हो चुकी थी और कई कोर सेक्टर शून्य से नीचे की वृद्धि दर दर्ज करने लगे थे। इस बजट की चुनौती उस गिरावट को रोकना है।