गौतम अडानी ने शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अपनी लड़ाई में अमेरिका की सबसे महंगी क़ानूनी फर्मों में से एक वाकटेल को काम पर रखा है। वाकटेल को क़ानूनी रूप से बचाव करने वाली फ़र्मों में सबसे आक्रामक माना जाता है। हाल में एलन मस्क ने इसी फर्म को ट्विटर सौदे के लिए काम पर रखा था। समझा जाता है कि अडानी समूह क़ानूनी लड़ाई लड़कर अपने निवेशकों को समूह के स्वास्थ्य के बारे में आश्वस्त करना चाहता है।
हिंडनबर्ग के ख़िलाफ़ अडानी ने महंगी लॉ फर्म वाकटेल को लगाया: रिपोर्ट
- अर्थतंत्र
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- 10 Feb, 2023
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई के लिए अडानी समूह ने क्या अब कमर कस ली है? जानिए अमेरिका की बेहद महंगी लॉ फर्म को हायर किए जाने की रिपोर्ट क्यों आ रही है।

अडानी ग्रुप और वाकटेल के बारे में फाइनेंशियल टाइम्स ने यह ख़बर दी है। इसकी एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह ने न्यूयॉर्क वाकटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज़ में वरिष्ठ वकीलों की सेवाएँ ली हैं। ऐसा इसलिए कि यह समूह हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से उभरे संकट को दूर करने के लिए जुट रहा है।