अडानी समूह के पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अब अमेरिकी अभियोग में फँसे होने के बीच समूह को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मिलने वाली उधारी पर बड़ा असर पड़ा है। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में वैश्विक संस्थाओं से मिलने वाली उधारी कम हो गई है, जबकि घरेलू स्तर पर उसको मिलने वाला कर्ज बढ़ा है। इसमें भी भारतीय बैंकों से मिलने वाले कर्ज में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है।