भारतीय राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व आज भी उनकी आबादी के मुताबिक नहीं है। राजनीति में आजादी के 75 वर्षों बाद भी महिलाओं को वह हक नहीं मिला है जिसकी वे हकदार है। महिलाओं को राजनीति में उनका अधिकार दिलाने के लिए करीब 50 वर्षों से संसद और विधानमंडलों में महिला आरक्षण की मांग की जाती रही है। इतने वर्षों में भी उनकी यह मांग पूरी नहीं हो पाई।