मणिपुर में हालात अब तक ठीक होते नहीं दिख रहे हैं। वहां से अब भी लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं जो कि बताती हैं कि वहां अब भी संघर्ष जारी है। अब खबर सामने आई है कि मैतेई महिलाओं के संगठन मीरा पैबिस की सदस्यों की भीड़ ने मंगलवार की सुबह सेना की हिरासत से 11 बदमाशों को छुड़ा लिया है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक मणिपुर के बिष्णुपुर में सशस्त्र बदमाशों को हिरासत में लिए जाने और उनके पास से हथियारों की जब्ती के बाद मंगलवार की सुबह मीरा पैबिस (मैतेई महिला निगरानीकर्ता) और सुरक्षा बलों के बीच टकराव हुआ है।
सुरक्षाकर्मियों को महिलाओं की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग तक करनी पड़ी इसके बावजूद इस भीड़ ने सुरक्षा बलों की हिरासत से इन बदमाशों को छुड़ाने में कामयाबी पा ली।
वहीं मणिपुर पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने 11 "सशस्त्र बदमाशों" को रोका और हिरासत में लिया था। उनके पास से कई बंदूकें, ग्रेनेड और गोला-बारूद बरामद किया गया था।
सुरक्षाबलों का रास्ता रोकने वाली मीरा पैबिस की महिलाएं हिरासत में लिए गए पुरुषों की रिहाई और जब्त किए गए हथियारों को वापस करने की मांग करने लगी। उनका कहना था कि वे संघर्ष के अंत तक हथियारों की जब्ती का विरोध करती रहेंगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट सूत्रों के हवाले से कहती है कि बिष्णुपुर के कुंबी में महिलाओं ने सेना की टुकड़ी का रास्ता अवरुद्ध कर दिया था। कुछ महिलाएं तो सड़क पर लेट गईं। उन्होंने सेना का रास्ता रोकने के लिए सड़क पर एक वाहन भी खड़ा कर दिया था।
बाद में आरएएफ समेत अतिरिक्त बलों को बुलाए जाने और बिष्णुपुर एसपी रविकुमार और थंगा विधायक टी रोबिंद्रो के नेतृत्व में एक टीम के मौके पर पहुंचने के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई।
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बड़ी मात्रा में हथियार के साथ पकड़े गए थे
वहीं हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट कहती है कि सेना का एक काफिला कट्टरपंथी मैतेई संगठन अरमबाई तेंगगोल के हिरासत में लिए गए 11 सदस्यों को लेकर जा रहा था। इन लोगों को सेना ने बड़ी मात्रा में हथियारों और गोला बारूद के साथ पकड़ा था।सेना के इस काफिले को महिला प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने इंफाल के पास रोक दिया और वे पकड़े गए लोगों को छुड़ाने में कामयाब रहीं।
हालांकि मणिपुर पुलिस ने इस घटना की तो पुष्टि की है लेकिन 11 उपद्रवियों या उन्हें छुड़ाने में मदद करने वालों की पहचान उजागर नहीं की है। पुलिस ने कहा है कि सेना की महार रेजिमेंट ने पुलिस की वर्दी पहने 11 सशस्त्र बदमाशों को पकड़ा था। उन्हें पकड़ने के बाद सेना की यह टुकड़ी जब लौट रही थी तब मीरा पैबिस संगठन की महिला प्रदर्शनकारियों ने इन 11 लोगों को सेना की हिरासत से छुड़ा लिया।
सेना ने हथियारबंद लोगों के पास से तीन एके सीरीज राइफलें, पांच इंसास, दो एसएलआर, दो हैंड ग्रेनेड और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद की थी।
इस रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने कहा कि जब महिला प्रदर्शनकारियों ने हथियार छीनने की भी कोशिश की तो सेना के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में कई राउंड फायरिंग की थी।
महिला प्रदर्शनकारियों ने सैन्य काफिले को रोकने के लिए सड़क पर वाहन खड़े कर दिए। बाद में वे सड़क पर भी आ गई और काफिले को रास्ता देने से मना कर दिया। इन महिलाओं के पीछे पुरुष भी थे। यह एक योजनाबद्ध नाकाबंदी थी। लेकिन सेना की टुकड़ी हथियारों को सुरक्षित रखने में कामयाब रही और हथियार छीने नहीं जा सके।
हिंदुस्तान टाइम्स की यह रिपोर्ट कहती है कि अरामबाई तेंगगोल मणिपुर घाटी में सक्रिय एक कट्टरपंथी मैतेई संगठन है। इस पर कुकी समूहों द्वारा हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। मणिपुर पुलिस ने उस पर कई असामाजिक गतिविधियों और आपराधिक गतिविधियों" को अंजाम देने का आरोप लगाया है।
यह पहली बार नहीं है कि इन महिला प्रदर्शनकारियों ने सैन्य अभियानों को बाधित किया और सैन्य काफिले को रोका है।
पिछले साल जून में सेना ने कहा था कि मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर रास्ते बंद कर रही हैं और सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में दखल दे रही हैं। सेना ने तब 2.12 मिनट लंबा एक वीडियो भी जारी किया था, जो विभिन्न ऑपरेशनों का एक कोलाज था, जिसमें महिला प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर सुरक्षा बल के ऑपरेशन को बाधित किया था।
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