वॉट्सऐप के ज़रिए जासूसी कराने के आरोप से कई सवाल खड़े हो गए हैं। यह मामला आम नागरिकों की निजता जैसे मौलिक अधिकारों से जुड़ा हुआ तो है ही, इसके पीछे के खेल को भी समझने में मदद करता है। एक सवाल जो सबको परेशान कर रहा है, वह है, आख़िर यह जासूसी किसने कराई है? इससे किसे फ़ायदा है? कौन है जिसने इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए होंगे? उसका मक़सद क्या है?