कर्नाटक के शिमोगा (शिवामोग्गा) में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा का आपराधिक रेकॉर्ड सामने आया है। हालांकि वो खुद को हर्षा हिन्दू लिखता था। उस पर हिन्दू-मुस्लिमों के बीच नफरत फैलाने के अलावा कई और संगीन आरोप भी हैं। तमाम दक्षिणपंथी संगठन और कर्नाटक के मंत्री अब उसे अपना वफादार कार्यकर्ता साबित करने पर तुल गए हैं लेकिन पुलिस रेकॉर्ड को हटाया नहीं जा सकता। यह अलग बात है कि अब हर्षा की हत्या को साम्प्रदायिक रंग देकर कर्नाटक के शिमोगा शहर में हिंसा हो रही है।
डेक्कन हेरॉल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक शिमोगा के डोड्डापेट पुलिस स्टेशन में हर्षा पर चार मामले दर्ज हैं। ये मामले 2017 से चल रहे हैं। उस पर सोशल मीडिया के जरिए सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया था। उस पर कुछ साल पहले एक मस्जिद पर सुअर की तस्वीर चिपकाने का भी आरोप लगा था। सोशल मीडिया के जरिए नफरत फैलाने वालों की पुलिस सूची में भी उसका नाम है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक शिमोगा शहर की पुलिस के अपराध रिकॉर्ड से पता चलता है कि हर्षा हमलों की कई सांप्रदायिक घटनाओं सहित हमले और हत्या के प्रयास के कम से कम पांच मामलों में शामिल था। उसकी पहचान ही मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले के रूप में थी।
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पुलिस अधिकारियों ने आशंका जताई है कि उसकी हत्या किसी रंजिश में की गई लगती है। हर्षा के पैरेंट्स ने पुलिस को बताया कि काफी दिनों से उनके बेटे के पास धमकी भरे फोन आ रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हिजाब वाले मामले से भी हत्या के पहलू की जांच की जा रही है।
पुलिस और मंत्री के बयान जुदा-जुदा
कर्नाटक के डीआईजी (पूर्वी क्षेत्र) डॉ के. त्यागराजन ने आज मीडिया को बताया कि हमने हर्षा की हत्या के मामले में 3-4 लोगों को हिरासत में लिया है। हमें अभी तक यही लग रहा है कि यह हत्या किसी पुरानी दुश्मनी की वजह से की गई है। शिमोगा में हालात काबू में हैं। हालांकि शिमोगा के मंत्री इंचार्ज के.सी. नारायण देवगौड़ा ने दो युवकों का नाम बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की बात कही है। मंत्री नारायण देवगौड़ा ने कहा कि पुलिस ने हर्षा की हत्या में नदीम और काशिफ को हिरासत में लिया है। काशिफ के खिलाफ 10 मामले पहले से चल रहे हैं।
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इससे पहले कर्नाटक सरकार के सीनियर मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने कहा था कि हर्षा हमारी पार्टी का बहुत अच्छा कार्यकर्ता था। यह काम मुस्लिम गुंडों ने किया है। शिमोगा में मुस्लिम गुंडों का इतना आतंक कभी नहीं था, जितना अब है।
हर्षा की हत्या के मामले में पुलिस और कर्नाटक के इन दो मंत्रियों की लाइन अलग-अलग है। पुलिस अधिकारी इसे पुरानी रंजिश में की गई हत्या मान रहे हैं तो कर्नाटक के दो मंत्री इसे मुसलमानों से सीधे जोड़ रहे हैं, जबकि हर्षा का आपराधिक रेकॉर्ड सभी के सामने हैं।
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