वाट्सऐप स्पाइवेयर से निगरानी रखने और मोबाइल में सुरक्षित पासवर्ड जैसी भी गुप्त जानकारी को चुराए जाने की ख़बर ने दुनिया भर में तहलका मचा दिया है। भारत में भी अब तक जो मामले सामने आए हैं उससे तूफ़ान खड़ा होने की संभावना है। भारत में जिनको निशाना बनाए जाने की रिपोर्टें हैं वे सभी पत्रकार, शिक्षाविद, मानवाधिकार और दलित कार्यकर्ता हैं। इसमें भीमा कोरेगाँव केस में आरोपी बनाए गए वे कार्यकर्ता भी शामिल हैं जिनके ख़िलाफ़ सरकार कार्रवाई कर रही है। इसीलिए तूफ़ान खड़ा होने की संभावना भी है क्योंकि इसको लेकर सरकार पर ही ऊँगली उठाई जा रही है। हालाँकि सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह मामले की जाँच कराएगी व ऐसा करने वाले दोषियों को सज़ा दिलाएगी।
वाट्सऐप स्पाइवेयर: भीमा कोरेगाँव केस से जुड़े कार्यकर्ता निशाने पर क्यों?
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- 1 Nov, 2019
वाट्सऐप स्पाइवेयर से निगरानी रखने और मोबाइल में पड़ी पासवर्ड जैसी भी गुप्त जानकारी को चुराए जाने की ख़बर से भारत में तूफ़ान खड़ा होने की संभावना है।

वाट्सऐप स्पाइवेयर का निशाना बनाए गए ऐसे 14 लोगों के बारे में ‘स्क्रॉल.इन’ ने रिपोर्ट छापी है। इसमें साफ़ तौर पर दिखता है कि निशाना बनाए गए इन 14 लोगों में से कई भीमा कोरेगाँव केस से जुड़े हैं। भीमा कोरेगाँव का मामला दलितों से जुड़ा है और पुलिस ने इस मामले में दस कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है।
भीमा कोरेगाँव मामले में पुलिस का दावा है कि जून 2018 से मामले में गिरफ़्तार 10 कार्यकर्ताओं के कंप्यूटर, पेन ड्राइव और मेमोरी कार्ड से कई चिट्ठियाँ बरामद की गई हैं। चिट्ठियों में कथित तौर पर संकेत दिए गए हैं कि देश को अस्थिर करने, भारतीय जनता पार्टी की सरकार को गिराने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने के लिए माओवादी साज़िश रच रहे थे।
वाट्सऐप स्पाइवेयर के शिकार हुए दूसरे लोग भी किसी न किसी स्तर पर सामाजिक कार्य से जुड़े रहे हैं।