भारत में सीआरपीसी कानून में बदलाव किया जा रहा है। प्रस्तावित कानून के संबंध में एक बिल संसद में पेश किया गया है। प्रस्तावित बदलावों में इस कानून के तहत पुलिस को आरोपियों की फिजिकल (भौतिक) और जैव (बायोलॉजिकल) सैंपल लेने, उन्हें स्टोर करने और उनका विश्लेषण करने का अधिकार मिल जाएगा। अभी जो सीआरपीसी कानून है वो 1920 में बना है। उसके तहत पुलिस को इस तरह के सैंपल लेने का अधिकार नहीं है।


प्रस्तावित सीआरपीसी संशोधन कानून का विपक्ष यह कहकर विरोध कर रहा है कि इससे लोगों की प्राइवेसी में दखल बढ़ेगा और पुलिस इसका अनुचित इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में ये बदलाव बायोमीट्रिक सिस्टम के तहत लागू हो चुके हैं।