देश में 3 आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होने जा रहे हैं। विपक्ष, नागरिक संगठन, कुछ पूर्व नौकरशाहों का समूह इन कानूनों का विरोध कर रहा है। लेकिन सरकार ने इसे लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। जानिए क्या है वो तैयारीः
रिटायर्ड नौकरशाहों से लेकर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि तीनों नए आपराधिक कानूनों को लागू नहीं किया जाए। बहुत जरूरी है तो नए कानूनों को फिर से संसद से पारित किया जाना चाहिए। नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होने वाले हैं। इसके बाद देश में अभिव्यक्ति की आजादी से लेकर आंदोलन के अधिकार तक इन कानूनों से प्रभावित होने वाले हैं। राजनीतिक दल इनके खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरे, चुनाव में मुद्दा नहीं बनाया, ऐसे में जनता से क्या उम्मीद की जाए। जानिए पूरा मामलाः
तीन नए आपराधिक कानून, जो हाल ही में संसद में पारित हुए और अब राष्ट्रपति की सहमति के बाद 1 जुलाई से लागू होंगे। सरकार का कहना है कि नए कानून ब्रिटिश-युग के आईपीसी की जगह लेंगे। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि इनमें खतरनाक क्या क्या हैः
सरकार संसद में पुराने सीआरपीसी कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाई है। नए प्रस्तावित कानून में क्या क्या है और अमेरिका का बायोमीट्रिक कानून क्या कहता है, जानिए।