कांग्रेस समेत विपक्ष के तमाम नेताओं से सहमति जताते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों का विरोध किया है। नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पुराने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। हालांकि इन नए कानूनों को लेकर पूरे देश में कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। तमाम वकीलों को नए कानूनों के बारे में जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि इन्हें पढ़ने और समझने में समय लगेगा। लेकिन विपक्ष के विरोध की वजह कुछ और है। उसका कहना है कि नए कानून बेहद सख्त हैं। उनसे लोगों की व्यक्तिगत आजादी से लेकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तक खतरे में पड़ जाएगी।

यह पिछले साल अगस्त की बात है जब विपक्ष के सौ से ज्यादा सांसदों को सदन से निष्कासित कर दिया गया और सरकार ने तीनों आपराधिक कानूनों को सदन में पारित करा लिया था।