पीने के पानी लिए हाहाकार मचा है। हर रिपोर्ट गंभीर ख़तरे का संकेत दे रही है। इस बीच राज्यसभा में भी विभिन्न दलों के सदस्यों ने पानी के गंभीर संकट पर चिंता जतायी है। आम आदमी पार्टी ने तो कहा कि दिल्ली में 2020 में ही भयंकर जल संकट पैदा होने के आसार हैं। एक रिपोर्ट में तो इशारा साफ़ है कि 2030 तक तो दिल्ली ही नहीं, पूरे देश में स्थिति संभले नहीं संभलेगी। देश के कई हिस्से में अभी ही सूखे जैसे हालात हैं और ज़मीन के नीचे का पानी और नीचे चला जा रहा है। अधिकतर जलाशय सूख चुके हैं। ग्रामीण इलाक़ों में तो 80 फ़ीसदी से ज़्यादा परिवारों को नल का कनेक्शन ही नहीं है। इसमें भी पानी सप्लाई के घंटे की स्थिति काफ़ी ख़राब है। एक रिपोर्ट के अनुसार, क़रीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं। क़रीब दो लाख लोग साफ़ पानी न मिलने के कारण हर साल जान गँवा देते हैं। यह रिपोर्ट किसी और ने नहीं, बल्कि नीति आयोग ने ही हाल ही में जारी की है। नीति आयोग की यह रिपोर्ट ‘समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई)’ पर है। इसमें कहा गया है कि यह संकट आगे और गंभीर होने जा रहा है।