रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है जब नई दिल्ली के बारे में यह धारणा लगभग पक्की हो चुकी है कि वह अमेरिका का जूनियर पार्टनर बन गया है और इसकी विदेश नीतियाँ वाशिंगटन की शह पर चलती हैं।
पुतिन की यात्रा का मक़सद भारत को अमेरिकी खेमे में जाने से रोकना है?
- देश
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- 6 Dec, 2021
क्या व्लादिमीर पुतिन की यात्रा सिर्फ हथियार बेचने के लिए है? या रूस भारत को अमेरिकी खेमे में और अंदर तक जाने से रोकना चाहता है?

लेकिन मामला सिर्फ इतना ही नहीं है, इस यात्रा का महत्व इसमें भी है कि दो पुराने दोस्त बदली हुई भौगोलिक-रणनीतिक स्थितियों में अपने रिश्तों को एक बार फिर से परिभाषित करना चाहते हैं।
लेकिन इस बार उनका रिश्ता पहले से अधिक जटिल इसलिए है कि उनके बीच अमेरिका ही नहीं, चीन भी है, जो इतना ताक़तवर बन चुका है कि उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है।
लेकिन इस बार उनका रिश्ता पहले से अधिक जटिल इसलिए है कि उनके बीच अमेरिका ही नहीं, चीन भी है, जो इतना ताक़तवर बन चुका है कि उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है।