रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है जब नई दिल्ली के बारे में यह धारणा लगभग पक्की हो चुकी है कि वह अमेरिका का जूनियर पार्टनर बन गया है और इसकी विदेश नीतियाँ वाशिंगटन की शह पर चलती हैं।