शिमोगा में साम्प्रदायिक हिंसा आज भी जारी है। कई वाहनों को निशाना बनाया गया। बीती रात भी आजाद नगर में मुस्लिमों के घरों पर हमले किए गए, पथराव किया गया, लोगों को पीटा गया। हिजाब बैन के खिलाफ याचिका दायर करने वाली छात्रा के भाई और परिवार को भी निशाना बनाया गया और उनकी संपत्ति लूट ली गई। वैसे सरकार की ओर से शिमोगा के इंचार्ज मंत्री के.सी. नारायण गौड़ा ने दावा किया कि शहर में स्थिति नियंत्रण में है। एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक मंत्री नारायण गौड़ा ने कहा कि लोग चिन्ता न करें, स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।
मंत्री ने बताया कि आज सुबह भी कुछ वाहनों को उपद्रवियों ने निशाना बनाया। दो ऑटो और एक बाइक में आग लगा दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इससे पहले बीती रात शिमोगा के आजाद नगर और अन्य स्थानों पर समुदाय विशेष के मकानों की पहचान कर उन पर पथराव किया गया। हमले किए गए। यहां के मुस्लिम संगठनों ने कहा कि बजरंग दल के नेता और कार्यकर्ताओं की भीड़ ने मुस्लिम घरों पर हमले किए। शहर में कई स्थानों पर इन लोगों ने आगजनी भी की।
कर्नाटक की शिक्षण संस्थाओं में हिजाब बैन के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली छात्रा हाज़रा शिफा के घर पर भी हमला किया गया। हाज़रा शिफ़ा ने आरोप लगाया है कि उनके भाई पर दक्षिणपंथी समर्थकों की भीड़ ने हमला किया। उनके भाई सैफ पर सोमवार रात करीब नौ बजे उडुपी जिले के मालपे में बिस्मिल्लाह होटल में हमला किया गया। यह हमला इसलिए हुआ क्योंकि मैं हिजाब बैन के खिलाफ हूं। इस हमले में हमारी संपत्ति को लूटा गया। आखिर क्यों ? क्या मैं हिजाब पहनने का अपना अधिकार भी नहीं मांग सकती? मैं संघ परिवार के गुंडों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती हूं। हाज़रा ने घटना की जानकारी देते हुए अपना ट्वीट पुलिस को भी टैग किया।
मालपे पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि हमले में करीब 20-30 लोग शामिल थे। उनमें से ज्यादातर छात्रा के भाई सैफ को जानते थे और वे उसके दोस्त हैं।
सैफ के पिता ने हिजाब विवाद मामले में प्रतिक्रिया दी थी। जिसे स्थानीय कन्नड़ चैनल ने प्रचारित किया था। इससे उपद्रवी उत्तेजित हो गए और वे होटल पहुंचे और सैफ पर पथराव किया। उसे पीटा। हमला करने वालों में कुछ लोगों ने शराब भी पी रखी थी।
पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया है।
कर्नाटक में हिजाब विरोधी प्रदर्शन दिसम्बर में शुरू हुआ था। इसके बाद से राज्य के अन्य हिस्सों में भी यह फैल गया। तनाव खत्म करने के लिए कर्नाटक सरकार ने अस्थायी रूप से स्कूलों को बंद कर दिया था।
अपनी राय बतायें