ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने सोमवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित कर दिया है। अदालत के इस आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में बने भारतीय बैंकों के संघ के लिए इस बात का रास्ता साफ हो गया है कि वह किंगफ़िशर एयरलाइंस की ओर से लिए गए कर्ज की वापसी के आदेश दे सकेगा। किंगफ़िशर एयरलाइंस अब बंद हो चुकी है।
मुख्य दिवाला और कंपनी न्यायालय (आईसीसी) के जज माइकल ब्रिग्स ने अपने आदेश में कहा कि वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि विजय माल्या दिवालिया हो चुका है। माइकल ब्रिग्स ने यह आदेश वर्चुअल सुनवाई के जरिये दिया। अदालत में भारतीय बैंकों का पक्ष लॉ फ़र्म टीएलटी एलएलपी और वकील मार्किया ने रखा। इन दोनों ने अदालत में जिरह के दौरान इस बात को रखा कि भारतीय बैंकों के हक़ में दिवालियेपन का आदेश दिया जाए।
विजय माल्या इन दिनों ब्रिटेन में है और जमानत पर बाहर है। माल्या के वकील फिलिप मार्शल ने इस आदेश पर रोक लगाने के साथ-साथ इसके स्थगन की मांग की लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि लिये गये कर्ज को याचिकाकर्ताओं को सही वक़्त में वापस कर दिया जाएगा। माल्या के वकील फिलिप मार्शल ने यह अर्जी भी अदालत में लगाई कि उसे दिवालिया घोषित करने के इस आदेश के ख़िलाफ़ अपील करने की इजाजत दी जाए। लेकिन जज माइकल ब्रिग्स ने इसकी इजाजत देने से भी इनकार कर दिया।
इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने एसबीआई के नेतृत्व में 13 बैंकों का एक संघ बनाया था। इन बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे।
9,000 करोड़ का क़र्ज
इस मशहूर शराब कारोबारी ने भारत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और कुछ अन्य बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन उसे चुकाए बिना वह लंदन चला गया और तब से वहीं पर है। माल्या ने पिछले साल कहा था कि वह सारा पैसा वापस कर देंगे लेकिन उनके ख़िलाफ़ मुक़दमे वापस ले लिए जाएं।
भारत में बैंकों की ओर से दबाव बढ़ने पर माल्या ने मार्च 2016 में देश छोड़ दिया था और अप्रैल 2017 से ही वह जमानत पर है। माल्या ने एक बार दावा किया था कि 2016 में भारत छोड़ने से पहले उसकी तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाक़ात हुई थी लेकिन जेटली ने उसके इस दावे को ख़ारिज कर दिया था। माल्या के इस दावे के बाद भारत में काफ़ी हंगामा हुआ था।
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