कांशीराम जी ने आरम्भ में बामसेफ बनायी जिसकी शुरुआत महाराष्ट्र में हुई और उसके बाद उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैला। जितनी दलित जातियाँ जुड़ीं लगभग उतने ही पिछड़े भी साथ आये और अल्पसंख्यक वर्ग का भी अच्छा ख़ासा साथ मिला। पहली लोकसभा की सीट बिजनौर से निकली जहाँ पर मुसलमानों ने बढ़-चढ़कर साथ दिया और उसके बाद कुर्मी बाहुल्य क्षेत्र रीवा, मध्य प्रदेश से बुद्ध सेन पटेल जीत कर आए। कांशीराम जी जब वी पी सिंह के ख़िलाफ़ इलाहाबाद से चुनाव में उतरे तो मुख्य सारथी कुर्मी समाज के थे। इस तरह से कहा जा सकता है कि शुरू में जैसा नाम वैसा काम दिखने लगा।