मशहूर अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ और राष्ट्रपति जो बाइडन के स्वास्थ्य सलाहकार एंथनी फ़ॉची ने भारत को कुछ हफ़्तों के लिए तुरन्त और पूर्ण लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस दौरान सरकार तेज़ी से ऑक्सीजन, आईसीयू, अस्पताल के बिस्तर वगैरह की व्यवस्था करे और उसके बाद सबको कोरोना टीका दे।
एंथन फ़ॉची जो बाइडन और डोनल्ड ट्रंप समेत सात राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं, अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेन्शन (सीडीसी) के प्रमुख हैं। वे डोनल्ड ट्रंप गठित ह्वाइट हाउस कोविड-19 टास्क फ़ोर्स के प्रमुख भी थे।
फ़ॉची ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से लंबी बात की। इस बातचीत के क्रम में उन्होंने भारत को तीन स्तर पर काम करने के सुझाव दिए, ये हैं, तात्कालिक, मध्य अवधि में और दूरगामी योजना।
अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ ने कहा,
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आपको जो अभी तुरन्त करना चाहिए वह यह है कि आप कुछ समय के लिए पूर्ण तालाबंदी कर दें। कोई भी देश तालाबंदी करना नहीं चाहता, पर यह महत्वपूर्ण है और आपको यह तुरन्त कर देना चाहिए, यह कम समय के लिए हो, कुछ हफ़्तों के लिए हो, पर यह अहम है।
एंथनी फ़ॉची, स्वास्थ्य सलाहकार, अमेरिकी राष्ट्रपति
ऑक्सीजन
फ़ॉची ने इसके साथ यह भी कहा कि इस दौरान बहुत ही जल्दी से ऑक्सीजन, पीपीई किट, दवा वगैरह की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने 'इंडियन एक्सप्रेस' से ज़ोर देकर कहा, 'मेरे विचार से आपको जो काम अभी करना चाहिए वह यह है कि आप ऑक्सीजन, दवा, पीपीई किट्स का इंतजाम कर लें।'
फॉची ने कोरोना से लड़ने में चीन की तारीफ करते हुए कहा कि
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चीन ने कुछ हफ्तों के अंदर ही इमरजेन्सी अस्पताल बना लिए, ऑक्सीजन और बिस्तर की व्यवस्था तुरत कर ली, लेकिन टेलीविज़न चैनलों पर लोग भारत में अस्पताल के बिस्तर और ऑक्सीजन के लिए तड़पते हुए दिख रहे हैं।
एंथनी फ़ॉची, स्वास्थ्य सलाहकार, अमेरिकी राष्ट्रपति
सबको टीका
उन्होंने कहा कि भारत को कोरोना से लड़ने में अपनी सेना की मदद लेनी चाहिए। अमेरिका ने नेशनल गार्ड को टीका बाँटने के काम में लगाया था, भारत वैसा ही कुछ करे।
जो बाइडन के स्वास्थ्य सलाहकार ने दूरगामी योजना के तहत पूरे देश को यानी सबको टीका लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भारत में अब तक सिर्फ दो प्रतिशत लोगों को टीके की दो खुराकें दी गई हैं जबकि सिर्फ 11 प्रतिशत लोग हैं, जिन्हें टीके की पहली खुराक दी मिली है।
उन्होंने कहा कि भारत तो खुद टीका बनाने वाला देश रहा है, उसे समय रहते टीका बनाने की क्षमता का विस्तार कर अतिरिक्त टीका बनाने का इंतजाम कर लेना चाहिए था। उसे अब विदेशों से टीका खरीदना चाहिए।
अमेरिका के सीडीसी प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि भारत को कोरोना वायरस के जीनोम सीक्वेंसिंग पर गंभीरता से काम करना चाहिए। उन्होंने इस मामले में भारत को मदद करने का आश्वासन देते हुए कहा कि भारत अपने सैपल सीडीसी को भेजे। इसी तरह वह अमेरिका के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ़ हेल्थ और ब्रिटेन के वेलकम ट्रस्ट को अपने सैंपल भेजे।
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