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हिन्दुत्व और फासिज्म पर सवाल से यूजीसी को मिर्च लगी, मांगी रिपोर्ट

हिन्दुत्व और फासिज्म की समानताओं पर सवाल पूछे जाने से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को इतनी मिर्च लगी कि उसने उस यूनिवर्सिटी से उसके द्वारा पूछे गए कथित "आपत्तिजनक" सवाल के बारे में रिपोर्ट मांग ली है। यह सवाल ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी की परीक्षा में पूछा गया था।शारदा यूनिवर्सिटी में बीए प्रथम वर्ष के पेपर में राजनीति विज्ञान (ऑनर्स) के छात्रों से "हिंदुत्व और फासीवाद" की समानताओं के बारे में पूछा गया था। सात मार्क्स के सवाल में लिखा है, “क्या आप फासीवाद/नाज़ीवाद और हिंदू दक्षिणपंथी (हिंदुत्व) के बीच कोई समानता पाते हैं? तर्कों के साथ विस्तार से जवाब दें।
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प्रश्नपत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद, यूनिवर्सिटी ने इस मुद्दे पर जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। यूजीसी ने ग्रेटर नोएडा स्थित इस प्राइवेट यूनिवर्सिटी को विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट में यह बताने के लिए कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं। यूजीसी ने कहा कि यह देखा गया है कि छात्रों ने इस सवाल पर आपत्ति जताई और विश्वविद्यालय में शिकायत दर्ज की। कहने की जरूरत नहीं है कि छात्रों से इस तरह का सवाल पूछना हमारे देश की भावना और लोकाचार के खिलाफ है, जो एकरूपता के लिए जाना जाता है और इस तरह के सवाल नहीं पूछे गए हैं।

UGC felt bad about Hindutva and fascism, sought report - Satya Hindi
शारदा यूनिवर्सिटी का वो प्रश्नपत्र, जिसमें सवाल पूछा गया था

शनिवार को जारी एक बयान में, इसने कहा कि समिति ने प्रश्न को आपत्तिजनक पाया है और मूल्यांकन के उद्देश्य से मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा इसे अनदेखा किया जा सकता है। विश्वविद्यालय ने प्रश्न पत्र सेट करने वाले टीचर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। हालांकि सोशल मीडिया पर इसे लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। लोगों ने कहा कि इस सवाल के पूछने में क्या बुराई है। सवाल सेट करने वाले टीचर की इसमें क्या गलती है, उसने हालात के मद्देनजर इस सवाल को पूछा है।

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क़मर वहीद नक़वी
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