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मणिपुर टेप: क्या बीरेन सिंह ने 'बम' इस्तेमाल करने को कहा था: रिपोर्ट

मणिपुर हिंसा को लेकर एक विस्फोटक रिपोर्ट सामने आई है। द वायर ने ऑडियो टेप जारी कर कहा है कि इसमें आवाज़ कथित तौर पर मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह की है और वह बम के इस्तेमाल की बात कह रहे हैं। इसके अलावा सीएम ने कुकी महिलाओं को कथित तौर पर बलात्कार व नग्न परेड कराने के मामले में कहा 'उनके साथ बलात्कार हुआ था इसका सबूत कहां है?' वह यह भी कहते हैं कि उन महिलाओं को 'बचाने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को पुरस्कृत किया जाए'। द वायर के इस खुलासे के बाद विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और बीरेन सिंह पर कार्रवाई की मांग की है।

आप नेता संजय सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है, 'सुनिए मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह को कैसे निर्लज्जता के साथ करगिल योद्धा की पत्नी को निर्वस्त्र करके घुमाने वालों को महिला का रक्षक बता रहा है और उन असामाजिक तत्वों को रिवार्ड देने की बात कर रहा है। मैंने सदन में मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाया मुझे 11 महीने तक निलंबित रखा गया। क्या बीरेन सिंह के ख़िलाफ़ भी कोई कार्रवाई होगी?'

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द वायर की ख़बर को रिपोस्ट करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पोस्ट किया है, 'चौंकाने वाली बात है। इसकी गहन और उचित जांच होनी चाहिए।' संजय सिंह ने एक अन्य पोस्ट में कहा है, "सुनिए मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने अमित शाह से हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा 'चुपके से बम मारना है'।”

इन्होंने उन ऑडियो और ख़बरों को रिपोस्ट करते हुए बीरेन सिंह पर कार्रवाई की मांग की है जिसमें कथित तौर पर बीरेन सिंह की आवाज़ बताई जा रही है। हालाँकि, न्यूज़ वेबसाइट ने अपने स्तर पर इसकी पक्के तौर पुष्टि नहीं की है। मणिपुर सरकार ने इस ऑडियो को छेड़छाड़ वाला क़रार दिया है। 

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द वायर ने लिखा है कि जुलाई में एक प्रतिष्ठित स्रोत से रिकॉर्डिंग की एक प्रति प्राप्त की और इसकी सामग्री का अनुवाद कराया। द वायर ने इसे तब प्रकाशित किया जब ऑडियो को क़ानूनी तौर पर आधिकारिक जाँच आयोग के रिकॉर्ड पर रखा गया। 

रिपोर्ट के अनुसार 7 अगस्त को कुकी छात्र संगठन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में रिकॉर्डिंग के छोटे अंशों की प्रतिलिपि साझा की, और बाद में कई सोशल मीडिया हैंडल द्वारा इन्हें फैलाया गया। उसी रात मणिपुर सरकार ने एक बयान जारी कर इस बात से इनकार किया कि सुनी गई आवाज़ बीरेन सिंह की है और रिकॉर्डिंग को 'छेड़छाड़' वाला क़रार दिया।

सरकार ने बयान में कहा, 'सरकार के संज्ञान में आया है कि एक ऑडियो रिकॉर्डिंग, जो मणिपुर के माननीय मुख्यमंत्री की होने का झूठा दावा कर रही है, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जा रही है। यह छेड़छाड़ की गई ऑडियो कुछ वर्गों द्वारा सांप्रदायिक हिंसा भड़काने या कई स्तरों पर शुरू की गई शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास है।'
मणिपुर हिंसा की जांच के लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित जांच आयोग को यह ऑडियो फाइल मुहैया कराई गई है।

48 मिनट की रिकॉर्डिंग के कथित निर्माता/निर्माताओं ने द वायर को बताया कि यह एक बैठक में व्यक्तिगत रूप से किया गया था, जहां मुख्यमंत्री ने साफ़ तौर पर हिंसा में अपनी पक्षपातपूर्ण मिलीभगत का संकेत दिया था। द वायर के अनुसार मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर रिकॉर्डिंग करने वाले व्यक्ति/व्यक्तियों से इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करने वाला एक हलफनामा भी दिया गया है और आयोग से भी सुरक्षा और नाम न बताने की मांग की गई है।

सूत्रों ने द वायर को यह भी पुष्टि की है कि पूरा ऑडियो क्लिप गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अजय लांबा की अध्यक्षता वाले जांच आयोग को सौंप दिया गया है। आयोग का गठन 4 जून, 2023 को गृह मंत्रालय की अधिसूचना द्वारा किया गया था। 

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ऑनलाइन वेबसाइट ने कहा है, 'आज हम जो रिकॉर्डिंग प्रकाशित कर रहे हैं, उसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री की आवाज़ है.... और शाह के आदेशों की अवहेलना करने और राज्य पुलिस के शस्त्रागार से हज़ारों घातक हथियार छीनने वालों को बचाने का दावा कर रहे हैं।'

लेकिन ऑडियो क्लिप कुछ और ही इशारा कर रही है। ऑडियो में कथित तौर पर बीरेन सिंह की आवाज़ में सुना जा सकता है- 

“जब अमित शाह यहाँ आए, तो उन्होंने पूछा:

‘बीरेन जी!’

‘हाँ सर!’

‘अरे! तुम बम मारते हो?'

सबने सुना! ‘बम मारते हो?’ यानी, उस दिन के बाद से उन्होंने (मुझे) बम का इस्तेमाल बंद करने का निर्देश दिया। मत मारना। ‘बम का इस्तेमाल मत करना’, उन्होंने डीजी (डीजीपी) और सभी को बुलाकर (हमें) निर्देश दिया। उनके (शाह) जाने के बाद, मैंने उनसे कहा; होई! चुपके से करना है, खुलेआम नहीं करना है। अगर आपको मुझ पर भरोसा नहीं है, तो फ्रंटलाइन में कमांडो से पूछ लें।”

यह संदर्भ संभवतः अमित शाह की 20 मई, 2023 से शुरू होने वाली मणिपुर की तीन दिवसीय यात्रा से संबंधित है। उस समय राज्य के डीजीपी पी. डोंगेल थे, जो राज्य कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। डोंगेल कुकी समुदाय से आते हैं। द वायर ने डोंगेल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

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नंगी घुमाई गई महिलाओं पर ही संदेह जता रहे?

एक बैठक की ऑडियो रिकॉर्डिंग में कथित तौर पर एन. बीरेन सिंह मई 2023 में कांगपोकपी जिले में भीड़ द्वारा नग्न घुमाई गई दो कुकी-जो महिलाओं की शिकायत पर संदेह जता रहे हैं कि उनके साथ छेड़छाड़ और बलात्कार किया गया था।

जुलाई 2023 में जब दो महिलाओं का एक वीडियो सामने आया था, तो पूरे देश में इस भयावह कृत्य के खिलाफ आक्रोश फैल गया। कई मैतेई नागरिक समाज समूहों ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई। 

हालांकि, ऑडियो रिकॉर्डिंग में कथित तौर पर मुख्यमंत्री की आवाज़ में यह सुना जा सकता है कि 'यह हम, मैतेई लोग हैं जिन्होंने उन्हें भीड़ से बचाया। ...हमें कितनी बुरी तरह से शर्मिंदा किया गया!... हमें उन्हें बचाने, उन्हें कपड़े पहनाने और उन्हें घर भेजने का श्रेय लेना चाहिए था।' 

द वायर के अनुसार बैठक में भाग लेने का दावा करने वाले कुछ लोगों का दावा है कि आवाज वास्तव में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की है और उन्होंने रिकॉर्डिंग में बताई गई सभी बातें उनकी मौजूदगी में कही थीं।

बता दें कि मई 2024 तक आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 226 है, जबकि 39 अन्य लापता हैं। मैतेई और कुकी-जो दोनों समुदायों के लगभग 60,000 लोग अभी भी विस्थापित हैं और अपने घरों को वापस नहीं जा पा रहे हैं। आधिकारिक आश्वासनों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की सरकारें रक्तपात को रोकने में विफल रही हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच की खाई को पाटने के लिए बहुत कम काम किया है। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अभी तक मणिपुर नहीं जा सके हैं। यहाँ तक कि लोकसभा चुनाव में भी वह प्रचार करने नहीं गए थे।

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क़मर वहीद नक़वी
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