एक रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने भारत के चुनाव के दौरान एआई से हेरफेर किए गए राजनीतिक विज्ञापनों को मंजूरी दी। ये वे विज्ञापन थे जो गलत सूचना पर आधारित थे और धार्मिक हिंसा भड़काने वाले थे। ब्रिटेन के प्रसिद्ध अख़बार द गार्डियन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
मेटा ने हिंसा भड़काने वाले राजनीतिक विज्ञापनों को मंजूरी दी: द गार्डियन
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- 27 May, 2024
भारत में मेटा प्लेटफार्मों पर इस्लामोफोबिक घृणास्पद भाषण, हिंसा वाले संदेशों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगता रहा है। जानिए, अब लोकसभा चुनाव में क्या आरोप लगाए गए हैं।

अंग्रेजी अख़बार ने कहा है कि इसको इसकी रिपोर्ट मिली है कि हिंसा भड़काने वाले और ग़लत सूचना पर आधारित ऐसे विज्ञापनों को प्रकाशित करने के लिए मेटा ने मंजूरी दे दी थी। रिपोर्ट के अनुसार फ़ेसबुक ने भारत में मुसलमानों के प्रति प्रचलित अपशब्दों- 'इस कीड़े-मकोड़े को जला दो' और 'हिंदुओं का खून बह रहा है, इन आक्रमणकारियों को जला दो' वाले विज्ञापनों को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही हिंदू वर्चस्ववादी भाषा और राजनीतिक नेताओं के बारे में दुष्प्रचार को भी मंजूरी दे दी गई।