क्या कंपनियों व फर्मों को पहले जहाँ स्टाफ में लिंग, रंग, आयु, जातीयता, शारीरिक क्षमता जैसी विविधता वाली पहलें फायदेमंद लगती थीं उससे अब वे पीछा क्यों छुड़ा रहे हैं? क्या इसके लिए उनपर दबाव है?
भारत में मेटा प्लेटफार्मों पर इस्लामोफोबिक घृणास्पद भाषण, हिंसा वाले संदेशों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगता रहा है। जानिए, अब लोकसभा चुनाव में क्या आरोप लगाए गए हैं।
पेटीएम में आर्टिफिशल इंटेलीजेंस (एआई) आने के बाद 1000 कर्मचारियों को हटा दिया गया है। उधर गूगल, फेसबुक और ऐप्पल में अन्य कारणों से कर्मचारियों की भर्ती भारत में रोक जाने वाली है।