loader
वलरमथी का आरोप है कि धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है

तमिलनाडुः धर्म परिवर्तन का आरोप लगाकर आत्मदाह की कोशिश

धर्मातरण विरोधी कानून बीजेपी शासित राज्यों में पारित किए जा रहे हैं। कर्नाटक में मंगलवार को ऐसा ही अध्यादेश जारी हुआ लेकिन इसी बीच तमिलनाडु से धर्मातरण का मामला सामने आ गया। दक्षिणपंथी संगठन इस मामले को तूल दे रहे हैं। रामनाथपुरम कलेक्टर ऑफिस के बाहर आत्मदाह की कोशिश कर रही तमिलनाडु की महिला को वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बचा लिया। पचेरी गांव की वलरमथी ने कहा कि उनके गांव में देवदास का परिवार उसे और उसके परिवार को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। उसका आरोप है कि ऐसा करने से मना करने पर उस व्यक्ति का परिवार उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रहा है।महिला ने कहा कि पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए उन्हें आत्मदाह का रास्ता चुनना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया है कि उसके गांव में धर्म परिवर्तन हो रहा है। लेकिन जब मैंने धर्म परिवर्तन से इनकार किया, देवदास का परिवार उन्हें और उनके परिवार को 2019 से परेशान कर रहा है।
ताजा ख़बरें
महिला ने आरोप लगाया कि देवदास के परिवार ने मेरे घर का रास्ता रोक दिया था और मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए थे। हम कोर्ट गए जिसने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। फिर उन्होंने मुझे गाड़ी में साथ ले जाने की कोशिश की। इसलिए, मैंने पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने कार्रवाई करने का वादा किया लेकिन कुछ नहीं किया। मेरे बेटे को ईस्ट कोस्ट रोड (ईसीआर) रोड पर आठ लोगों ने टक्कर मार दी थी लेकिन जनता ने उसे बचा लिया। मेरे गांव में, देवदास का परिवार ही हमें नुकसान पहुंचा रहा है। इस बीच, रामनाथपुरम के एसपी कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि आरडीओ और डीएसपी ने जांच की। जिसमें पता चला कि यह मुद्दा भूमि विवादों पर आधारित था और कई हिंदू परिवार अभी भी गांव में हैं।
सूत्रों ने यह भी बताया कि वलरमथी और देवदास के परिवार में जमीन के एक टुकड़े को लेकर 10 साल से अधिक समय से विवाद चल रहा था और भूमि विवाद को लेकर शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें