तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में कब्जा करने के बाद पहली बार संकेत दिया है कि वह भारत अफ़ग़ानिस्तान संबंध बरकरार रखना चाहता है। कतर में तालिबान नेतृत्व के एक सदस्य ने कहा है कि भारत 'इस उपमहाद्वीप के लिए बेहद महत्वपूर्ण' है। इसने यह भी कहा है कि उसका समूह भारत के साथ पहले की तरह ही अफ़ग़ानिस्तान के 'सांस्कृतिक', 'आर्थिक', 'राजनीतिक' और 'व्यापारिक संबंध' को जारी रखना चाहता है।
भारत बेहद महत्वपूर्ण, संबंध बनाए रखना चाहते हैं: तालिबान
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- 30 Aug, 2021
कतर में तालिबान नेतृत्व के एक सदस्य ने कहा है कि वह भारत अफ़ग़ानिस्तान संबंध बरकरार रखना चाहता है। उसने कहा कि भारत 'इस उपमहाद्वीप के लिए बेहद महत्वपूर्ण' है।

तालिबान की तरफ़ से यह संकेत काफ़ी अहम है। ऐसा इसलिए कि तालिबान और पाकिस्तान के संबंध जगजाहिर हैं। तालिबान और पाकिस्तान दोनों अफ़ग़ानिस्तान की पूर्ववर्ती सरकार के साथ भारत के संबंधों को लेकर असहज रहे थे। जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया तो चीन ने भी तालिबान के क़रीब जाने की कोशिश की। पाकिस्तान, तालिबान और चीन की तिकड़ी को भारत के लिए अच्छा संदेश नहीं कहा गया। यह सवाल उठ रहे थे कि कहीं अफ़ग़ानिस्तान में भारत अलग-थलग तो नहीं पड़ता जा रहा है? वह भी तब जब भारत अफ़ग़ानिस्तान में अब तक क़रीब 3 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है। इसी बीच अब तालिबान के ये संकेत भारत के लिए काफ़ी मायने रखते हैं। लेकिन ये मायने क्या हैं?