नागरिकता संशोधन क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एसए बोबडे, जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि वह नागरिकता क़ानून पर फिलहाल रोक नहीं लगा सकती। बताया जा रहा है कि अदालत इस मामले को संवैधानिक बेंच में भेज सकती है। 


सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले को संविधान पीठ के पास भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस क़ानून को तीन महीने के लिए टाल देना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि कई राज्यों में एनपीआर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अगर किसी को एक बार नागरिकता दे दी जाएगी तो इसे वापस नहीं लिया जा सकता।