नागरिकता संशोधन क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एसए बोबडे, जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि वह नागरिकता क़ानून पर फिलहाल रोक नहीं लगा सकती। बताया जा रहा है कि अदालत इस मामले को संवैधानिक बेंच में भेज सकती है।
नागरिकता क़ानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार; कहा - 4 हफ़्ते में जवाब दे केंद्र
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- 22 Jan, 2020
नागरिकता संशोधन क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि वह नागरिकता क़ानून पर फिलहाल रोक नहीं लगा सकती।

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कई राज्यों ने एनपीआर की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। वकील विकास सिंह ने अंतिरम आदेश देने पर जोर दिया और कहा कि यह क़ानून असम समझौते के ख़िलाफ़ है। विकास सिंह ने कहा कि असम का मामला पूरी तरह अलग है और पिछली सुनवाई के बाद से असम में 40 हज़ार लोग आ चुके हैं। इस पर अदालत ने कहा कि उन्हें सभी याचिकाओं को सुनना होगा और तभी वे कोई आदेश पारित कर सकते हैं। सीजेआई ने कहा कि वह असम के मामले में वह दो महीने बाद सुनवाई करेंगे। अदालत की ओर से असम और त्रिपुरा की अलग-अलग लिस्ट मांगी गई है।