सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बरकरार रखा है। सीजेआई यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस. रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला शामिल हैं। इस मामले में एक हफ्ते तक चली सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 फीसद ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बरकरार रखा
- देश
- |
- 29 Mar, 2025
क्या है ईडब्ल्यूएस आरक्षण का पूरा मामला और इसमें सुनवाई के दौरान किन बिंदुओं को तय किया गया था। इस मामले में अदालत का फैसला क्यों अहम है?

जस्टिस माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस पारदीवाला ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला दिया जबकि सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस एस. रवींद्र भट ने इसके विरोध में फैसला सुनाया।
सरकार ने 103 वां संविधान संशोधन करके आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को उच्च शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में भर्ती में 10 फीसद का आरक्षण दिया था। इस संविधान संशोधन को तमाम याचिकाओं के जरिए अदालत में चुनौती दी गई थी।