उपचुनावों में हार-जीत से सरकार पर तो कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता लेकिन नेताओं को अपनी नीतियों की जीत और दूसरे की नीतियों की हार के दावे करने का मौका मिल जाता है। बिहार में गोपालगंज और मोकामा की सीटों पर पिछले चुनाव में जीत हासिल करने वाले राजनीतिक दलों का ही कब्जा रहा लेकिन इनके परिणामों से बिहार की आगे की राजनीति में बीजेपी और आरजेडी के लिए होने वाली मुश्किलों का पता भी चल गया।