सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 23 सितंबर को मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि बच्चों की पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया कि ऐसी सामग्री का स्टोरेज मात्र यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO अधिनियम) के तहत अपराध है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, रखना अपराधः सुप्रीम कोर्ट
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- 29 Mar, 2025
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या डाउनलोड करना अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 23 सितंबर को मद्रास हाईकोर्ट के फैसले में गलती बताकर उसे खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना और उसे अपने पास रखना अपराध है। उसने सरकार से भी कुछ कहा है। जानिएः
