सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी हज़ारों करोड़ रुपये के बकाए को लेकर टेलीकॉम कंपनियों और सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। इसने कहा है कि क्या इस देश में कोई क़ानून नहीं बचा है? कोर्ट ने तो यहाँ तक कह दिया कि देश में रहने लायक स्थिति नहीं है और बेहतर होगा कि देश छोड़ दें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- क़ानून नहीं बचा, देश छोड़ दें तो बेहतर
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- 14 Feb, 2020
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी हज़ारों करोड़ रुपये के बकाए को लेकर टेलीकॉम कंपनियों और सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। इसने कहा है कि क्या इस देश में कोई क़ानून नहीं बचा है?

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी उसके पहले के उस आदेश पर आया है जिसमें इसने टेलीकॉम कंपनियों से 92 हज़ार करोड़ रुपए सरकार को भुगतान करने को कहा था लेकिन इन कंपनियों ने अभी तक भुगतान नहीं किया है। इन कंपनियों के भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी और ये कंपनियाँ इसको बढ़वाना चाहती थीं। इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था और सरकार को कहा था कि उन कंपनियों से बकाए के 92000 करोड़ रुपये वसूले जाएँ।