बिलकीस बानो के बलात्कारियों को मिली सजा में छूट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कड़े सवाल किए हैं। इसने पूछा कि समय से पहले रिहाई की नीति चुनिंदा तरीके से क्यों लागू की जा रही है। अदालत ने यह तब कहा जब गुजरात सरकार ने दलील दी कि जघन्य अपराधों के दोषी कैदियों को सजा पूरी करने और पछतावा दिखाने पर समय से पहले जेल से रिहा कर सुधार का मौका दिया जाए।
बिलकीस के दोषियों पर सजा माफी नीति चुनिंदा तौर पर लागू क्यों: SC
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- 18 Aug, 2023
बिलकीस बानो के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की रिहाई क्या रद्द होगी? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने अब क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट 2002 के दंगों के दौरान बिलकीस बानो के बलात्कार और उनके परिवार की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए लोगों की असामयिक रिहाई पर याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई कर रहा है। बिलकीस बानो के साथ 3 मार्च, 2002 को भीड़ द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। यह घटना दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में हुई थी। उस समय बिलकीस बानो गर्भवती थीं। बिलकीस की उम्र उस समय 21 साल थी। इस मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था।