सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के उस फ़ैसले पर मुहर लगा दी है जिसमें सहकारिता से जुड़े 97वें संविधान संशोधन क़ानून को रद्द कर दिया गया था। इसके साथ ही केंद्र में अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने पर सवालिया निशान लग गया है।
सुप्रीम कोर्ट में 97वां संविधान संशोधन क़ानून खारिज, केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय पर सवाल
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- 20 Jul, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के उस फ़ैसले पर मुहर लगा दी है जिसमें सहकारिता से जुड़े 97वें संविधान संशोधन क़ानून को रद्द कर दिया गया था। इसके साथ ही केंद्र में अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने पर सवालिया निशान लग गया है।

बता दें कि संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, सहकारिता राज्य का विषय है।
लेकिन संविधान का 97वां संशोधन दिसंबर 2011 में संसद से पारित कर दिया गया और यह फरवरी 2012 में लागू कर दिया गया। इसके तहत सहकारी संस्थाओं के कुशल प्रबंधन के लिए कई तरह के बदलाव किए गए।
22 अप्रैल 2013 को गुजरात हाई कोर्ट ने 97वें संविधान संशोधन की कुछ बातों को खारिज करते हुए कहा था कि केंद्र सहकारी संस्थाओं से जुड़े नियम नहीं बना सकता क्योंकि यह पूरी तरह राज्य का मामला है।