सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तो सुदर्शन न्यूज़ चैनल के ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के प्रसारण को लेकर थी, लेकिन कोर्ट ने कुछ टेलिविज़न चैनलों के ‘बेलगाम’ कार्यक्रमों को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। अदालत ने आज जिस तरह की टिप्पणियाँ कीं उससे लगता है कि कुछ टेलिविज़न चैनलों ने देश को बड़ा नुक़सान पहुँचाया, सामाजिक तानेबाने को तोड़ने की कोशिश की और समाज में ज़हर घोलने का काम किया। तभी तो सुप्रीम कोर्ट ने टीआरपी के लिए मुसलिम समुदाय को बदनाम करने से लेकर किसी व्यक्ति की छवि को ख़राब करने तक, मीडिया के मालिकाना हक व उनकी कमाई की जानकारी, न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन की नियमन पर सफ़ाई, मीडिया इथिक्स और प्रेस की आज़ादी, इन सभी मुद्दों पर खरी-खरी टिप्पणी की।