सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चैरिटी यानी परोपकार का काम तो ठीक है, लेकिन धर्मांतरण के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसने कहा है कि जबरन धर्मांतरण एक 'गंभीर मुद्दा है और यह संविधान के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी सोमवार को तब की जब जबरन धर्मांतरण से जुड़ी एक याचिका पर वह सुनवाई कर रहा था।