राजनीतिक दलों की ओर से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए चुनाव से पहले बांटे जाने वाले 'मुफ्त उपहारों' को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इसका बजट नियमित बजट से ज्यादा हो रहा है।
'मुफ्त उपहार' पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र, चुनाव आयोग को नोटिस
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- 25 Jan, 2022
मुफ्त उपहारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों के द्वारा जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है और राज्य कर्ज के बोझ तले दब रहे हैं।

अदालत ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भेजा और उनसे 4 हफ्ते के भीतर इस मामले में अपना जवाब देने के लिए कहा।
सीजेआई जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले में बीजेपी के नेता अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई की। याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों के द्वारा जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है और राज्य कर्ज के बोझ तले दब रहे हैं।