पतंजलि के कई उत्पादों के लाइलेंस निलंबित होने के बाद भी आख़िर इसके भ्रामक विज्ञापन अभी भी इंटरनेट, वेबसाइटों और विभिन्न चैनलों पर उपलब्ध कैसे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने इसी सवाल को लेकर नाराज़गी जताई है। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पतंजलि के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रहा था।
पतंजलि विज्ञापन केस: SC ने अफसरों से कहा- हमारा धैर्य जवाब दे रहा है
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- 7 May, 2024
पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में फिर से सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी और लाइसेंसिंग अधिकारियों को फटकार लगाई है। जानिए, इसने कंपनी से क्या-क्या कहा।

पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि उसने पतंजलि, दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। इसने यह भी कहा था कि कंपनी, इसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और सह-संस्थापक बाबा रामदेव के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की है। यह कार्रवाई तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को इन उत्पादों के अवैध विज्ञापनों के लिए पतंजलि और दिव्य फार्मेसी के खिलाफ निष्क्रियता के लिए राज्य प्राधिकरण की खिंचाई की।