पतंजलि के कई उत्पादों के लाइलेंस निलंबित होने के बाद भी आख़िर इसके भ्रामक विज्ञापन अभी भी इंटरनेट, वेबसाइटों और विभिन्न चैनलों पर उपलब्ध कैसे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने इसी सवाल को लेकर नाराज़गी जताई है। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पतंजलि के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रहा था।